Wednesday, January 21, 2009

Feel Euphoria...

कर जतन हो सकेगा और तेरा ही होगा,
हाथ की लकीरे तो रह गई मुडी हुई,
मन तेरा गर सधा रहा तो,
जनम ये सफल होगा;

खोल कर मन का पिटारा स्वीकार कर द्वंद सारा,
उफन पड़ेगा शायद बह भी जाए,
इन आँखों के रस्ते, ....बहने दे पर,
फिर जीवन सरल होगा;

चलूं ही क्यों इतना बोझ लेकर,
जो ढोते कई और है, ढोने दो ,
मेरा क्या मैं तो ख़ुद एक बादल हूँ ,
गरजकर भलें ही बरसू...
पर रंग अब धवल होगा;

सोचने पर जो अभी अच्छा लगे,
बाद में कभी मन छलेगा,
मन तो बने बिगडे,
ज्ञान चक्षु हो तो, निर्णय अभी सरल होगा;

संकट में तो सब सोचे ,
मेरा चिंतन अनवरत रहे,
जब ऐसा मंथन रहा तो ,
सर्वत्र सदैव परम होगा ।

..पारस